Khatu Shyam Chal Bhajan By Ashish Tewari Aarav
हे मुरारी के दीवाने
खाटू श्याम चल
क्यों ढूंढे है ठिकाना
खाटू श्याम चल
तेरा कोई नहीं है अपना
तुझे श्याम रंग मैं रंगना
जब चित्त ही है उसकी
देह क्यों बचाकर रखना
क्यों इधर-उधर है दौड़े
खाटू श्याम चल
हे मुरारी के दीवाने
खाटू श्याम चल
- आशीष तिवारी 'आरव'
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