'Mujhe yaad tum hi aaoge' Ghazal Song by Ashish Tewari 'Aarav'

जब लगेंगी ठोकरें 

मुझे याद तुम ही आओगे 

जब रुकेंगी धड़कनें 

मुझे याद तुम ही आओगे


जो ऐसे ख़त्म हो गया 

ये क़िस्सा महज़ हो गया 

पहले जो फितूर था 

वो अब कसूर हो गया 

जब सज़ा वफ़ा की मिल जाएगी 

मुझे याद तुम ही आओगे 


जब रुकेंगी धड़कनें 

मुझे याद तुम ही आओगे


कुछ वक्त तो दे दिया होता 

कभी मुझे भी तलाश किया होता 

ये जो तिश्नगी (temptation) थी उसे ना 

मोहब्बत का नाम दिया होता 

जो फूलों को बिखेरा जायेगा

मुझे याद तुम ही आओगे 


जब रुकेंगी धड़कनें 

मुझे याद तुम ही आओगे  


- आशीष तिवारी 'आरव'



'Mujhe yaad tum hi aaoge' today (17th June 2024) I have written this song which is in Ghazal format.

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