'Khilone si zindagi, Main jeeta raha' a hindi poetry by Ashish Tewari Aarav


मिट्टी से जन्मा, मिट्टी की आस लिए 

मिट्टी की तरह, मैं ढलता रहा 

खिलौने सी जिंदगी, मैं जीता रहा 

कोई सींचे मिट्टी, कोई पकाये मिट्टी 

रेत की तरह, मैं फिसलता रहा 

खिलौने सी जिंदगी, मैं जीता रहा 

कोई कहे देखो, मैं तकता रहा 

कोई कहे जानो, मैं पढ़ता रहा 

खिलौने सी जिंदगी, मैं जीता रहा 


- आशीष तिवारी 'आरव'






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