जीवन का पहिया Jeevan Ka Pahiya Wheel of Life Hindi poetry by Ashish Tewari Aarav

जीवन का पहिया



जीवन है एक पहिया 
कभी ऊपर कभी नीचे
पहिया रहता हरदम रेस में 
कभी आगे कभी पीछे 
ये पहिया कभी न थकता 
पर आदमी है थक जाता 
जो थक जाए कभी पहिया 
जीवन उसी पल रुक जाता 
पहिया सोचता मैं खुद चलता 
आदमी सोचता मैं उसे चलाता 
दोनों का टकराव देखकर 
नसीब मंद मंद मुस्कुराता

- आशीष तिवारी 'आरव'

Comments

Popular Posts