Meri Nazar se na dekho sb galat nazar aayega poetry by Ashish Tewari Aarav





मेरी नज़र से न देखो सब गलत नज़र आएगा
मेरे लिए जो सही है तुम्हें गलत नज़र आएगा

गर किसी रोज डल जाए रौशनी दूसरे पहलू में
इंकलाब न सही कुछ तो ज़रूर असर आएगा


- आशीष तिवारी 'आरव'


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