उमंग कविता आशीष तिवारी आरव | Umang Kavita by Ashish Tewari Aarav




जब हो गई थी संकट की अति

तब आशा की किरणों में लिपटा

एक नया साल आ गया

अंधेरे को हराने के युद्ध में

एक साल कई कहानियां लेकर बीत गया

और फिर एक नया साल आ गया

ऐ नववर्ष महका दे सबका आंगन

खुशियों से भर दे सबका दामन

वर्षभर ऐसे दीप जलें कि

प्रकाशमय हो जाए सबका अंतर्मन

- आशीष तिवारी आरव

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